आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत (RSS chief Mohan Bhagwat) ने कहा कि आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत नागपुर में ‘उत्कृष्ट भारत’ कार्यक्रम में शामिल हुए।
इस कार्यक्रम में उन्होंने कहा, “हम अलग दिख सकते हैं. हम अलग-अलग चीजें खा सकते हैं लेकिन अस्तित्व में एकता है. आगे बढ़ना कुछ ऐसा है जो दुनिया भारत से सीख सकती है, विश्व में उत्कृष्टता की कीमत होती है.”
मोहन भागवत ने आगे कहा कि, विविधता प्रबंधन को लेकर पूरी दुनिया भारत की ओर देख रही है। जब विविधता को कुशलतापूर्वक प्रबंधित करने की बात आती है तो पूरी दुनिया भारत की ओर इशारा करती है। उन्होंने कहा कि यह दुनिया अंतर्विरोधों से भरी है, लेकिन इसे भारत ही संभाल सकता है।
जब आप डरना बंद कर देंगे तो भारत एक हो जाएगा
इस कार्यक्रम के दौरान मोहन भागवत ने कहा कि, अगर भारत को बड़ा बनाना है तो डरना बंद करना होगा। जब हम डरना छोड़ देंगे तो भारत एक हो जाएगा। हम निश्चय ही अहिंसा के पुजारी हैं लेकिन दुर्बलता के नहीं।
उन्होंने अपनी बात रखते हुए कहा कि भाषा, पहनावे और संस्कृति में हमारे बीच छोटे-छोटे अंतर हैं और हमें इन बातों में नहीं फंसना चाहिए। देश की सभी भाषाएं राष्ट्रभाषाएं हैं और सभी जातियों के लोग मेरे अपने हैं, हमें ऐसे प्यार को बनाए रखने की जरूरत है।
ऐतिहासिक घटनाओं को ठीक से प्रस्तुत नहीं किया गया
आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत ने आगे कहा कि ऐसी कई ऐतिहासिक घटनाएं हैं जो हमें कभी नहीं बताई गईं और न ही उन्हें ठीक से पढ़ाया गया। उन्होंने कहा कि जिस स्थान पर संस्कृत व्याकरण का जन्म हुआ वह भारत में ही नहीं है।
क्या हमने कभी इस बारे में कोई सवाल किया है? उन्होंने कहा कि हम पहले ही अपना ज्ञान भूल चुके थे, बाद में विदेशी आक्रमणकारियों ने हमारी जमीन पर कब्जा कर लिया। उन्होंने कहा कि जाति भेद बिना किसी कारण के मतभेद पैदा करने के लिए पैदा किया गया।