Rakshabandhan 2022: रक्षाबंधन का पर्व श्रावण मास की शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा को मनाया जाता है। धार्मिक मान्यता के अनुसार इस दिन देवी लक्ष्मी ने राजा बलि को राखी बांधी थी।
तब से यह माना जाता है कि बहन अपने भाई की कलाई पर राखी बांधती है। भाई की कलाई पर राखी बांधकर बहन सुखी जीवन की कामना करती है।
वहीं भाई रक्षा का संकल्प लेता है। लेकिन शास्त्रों में राखी बांधने के कुछ नियम बताए गए हैं। इसलिए राखी बांधते समय ऐसी गलतियों से बचना जरूरी है।
- राखी में देवताओं के चित्र नहीं होने चाहिए। क्योंकि राखी बांधने पर कभी-कभी अपवित्र कार्य भी हो जाते हैं। यह भगवान का अपमान करता है।
- गलती से भी अपने भाई की कलाई पर काला धागा राखी न बांधें।
- कलाई पर टूटी-फूटी राखी न बांधें।
- शास्त्र और पौराणिक मान्यता के अनुसार कलाई पर अशुभ चिन्ह वाली राखी नहीं बांधनी चाहिए।
- राखी बांधते समय कलाई पर तीन गांठ बांधनी चाहिए। कलाई पर बंधी तीन गांठें भगवान से जुड़ी हुई हैं।
- राखी बांधते समय भी फर्श पर न बैठें, बल्कि कुर्सी, आसन पर बैठ जाएं।
राखी बांधने का शुभ मुहूर्त
श्रावण पूर्णिमा 11 अगस्त को सुबह 10:38 बजे शुरू होगी और शुक्रवार 12 अगस्त को सुबह 07:05 बजे समाप्त होगी। हिंदू कैलेंडर के अनुसार रक्षा बंधन गुरुवार 11 अगस्त को मनाया जाएगा।
क्योंकि 11 अगस्त को पूरा दिन होता है। हिंदू कैलेंडर के अनुसार, गुरुवार 11 अगस्त को पूर्णिमा है, इस दिन बहन अपने भाई को राखी बांधेगी। इस दिन राखी बांधने के लिए 12 बजे के बाद का समय शुभ माना जाता है। इस दिन 5:17 से 6.18 तक का शुभ मुहूर्त।
रक्षाबंधन शुभ योग
अभिजीत मुहूर्त: दोपहर 12:08 बजे से दोपहर 12:59 बजे तक
अमृत काल : 06.55 से 08.20 बजे तक
रवि योग: सुबह 06:07 बजे से सुबह 06:53 बजे तक