Shrikant Tyagi Judicial Custody for 14 Days : ग्रैंड ओमेक्स सोसाइटी नोएडा सेक्टर 93-बी में महिला के साथ अभद्रता के मामले में गिरफ्तार आरोपी श्रीकांत त्यागी को स्थानीय अदालत ने मंगलवार को 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेज दिया।
पुलिस आयुक्त आलोक सिंह के प्रवक्ता ने बताया कि श्रीकांत त्यागी को नोएडा पुलिस ने मंगलवार को मेरठ से गिरफ्तार किया। त्यागी के साथ उसके तीन साथियों को भी गिरफ्तार किया गया है।
उन्होंने कहा कि सभी आरोपियों को आज शाम गौतम बौद्ध नगर जिला अदालत में पेश किया गया, जहां से उन्हें 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया।
विधायक का स्टीकर
सिंह ने कहा कि त्यागी ने एक कार पर विधायक का स्टिकर लगाकर खुद को गलत तरीके से पेश किया था और स्टिकर उन्हें समाजवादी पार्टी (सपा) के नेता स्वामी प्रसाद मौर्य ने दिया था।
पुलिस ने त्यागी की पांच कारें जब्त की हैं। उन्होंने अपने वाहनों के लिए विशेष नंबर प्लेट भी खरीदी थी और त्यागी ने प्रत्येक नंबर के लिए 1.10 लाख रुपये का भुगतान किया था।
जब वह फरार था तो उसे किसने शरण दी?
मौर्य, जो राज्य में पिछली भारतीय जनता पार्टी के नेतृत्व वाली सरकार में मंत्री थे, उन्होने इस साल की शुरुआत में विधानसभा से ठीक पहले पार्टी छोड़ दी थी और सपा में शामिल हो गए थे। वर्तमान में, वह सपा से राज्य विधान परिषद के सदस्य हैं।
पुलिस आयुक्त ने कहा कि श्रीकांत त्यागी से गहन पूछताछ की जा रही है, उनके फरार होने के दौरान किसने उन्हें पनाह दी, इसकी भी जानकारी ली जा रही है।
उन्होंने बताया कि पूछताछ के दौरान त्यागी से कुछ अहम जानकारियां मिली हैं, जिसके आधार पर पुलिस आगे की कार्रवाई करेगी।
इनाम भी घोषित किया गया
इससे पहले नोएडा पुलिस ने त्यागी को भगोड़ा घोषित किया था और उस पर 25,000 रुपये का इनाम भी घोषित किया था, जिसके बाद त्यागी ने गौतमबुद्धनगर जिले की एक अदालत में आत्मसमर्पण से संबंधित याचिका दायर की थी।
गौरतलब है कि ग्रैंड ओमेक्स सोसाइटी सेक्टर 93-बी में रहने वाली एक महिला ने श्रीकांत त्यागी द्वारा समाज में नियमों के उल्लंघन का हवाला देते हुए कुछ पेड़ लगाने पर आपत्ति जताई थी।
जिसके बाद त्यागी ने कथित तौर पर महिला के साथ अभद्र व्यवहार किया और उसे धक्का भी दिया, घटना का एक वीडियो सोशल मीडिया पर पोस्ट किया गया।
श्रीकांत त्यागी ने खुद को भारतीय जनता पार्टी से संबद्ध बताया है, जबकि पार्टी ने उनसे दूरी बना रखी है। इस मामले को लेकर विपक्षी दलों ने बीजेपी पर निशाना साधा है।